निपाह एक जूनोटिक वायरस है, जो जानवरों से इंसानों में फैलता है। संक्रमित जानवरों या उनके शरीर के तरल पदार्थ के संपर्क में आने से इसका खतरा बढ़ जाता है। संक्रमित चमगादड़ों से दूषित फल खाने से भी संक्रमण फैल सकता है।
निपाह वायरस से संक्रमित 40-75% मरीजों की मौत हो जाती है। यह वायरस भारत जैसे ज्यादा आबादी वाले देशों के लिए अत्यधिक घातक हो सकता है, इसलिए सावधानी बेहद जरूरी है।
– हाथों को बार-बार साबुन से धोएं। – संक्रमित जानवरों और लोगों से दूरी बनाए रखें। – पेड़ों से गिरने वाले फल या ताड़ के रस का सेवन न करें। – निपाह प्रभावित क्षेत्रों में न जाएं।