चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का भावुक विदाई भाषण

भारत के 50वें चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने विदाई भाषण में विनम्रता से माफी मांगते हुए कहा, "अगर मेरे आचरण से किसी को ठेस पहुंची हो, तो कृपया मुझे माफ करें।"

अपने करियर में ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा

चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने अयोध्या मामले, चुनावी बॉन्ड, अनुच्छेद 370 और महिला सैन्य अधिकारियों के स्थायी कमीशन जैसे कई बड़े मामलों में ऐतिहासिक फैसले दिए।

न्यायपालिका में तकनीकी सुधारों की पहल

वीडियो कांफ्रेंसिंग, सुप्रीम कोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग, और वकीलों को डिजिटल साधनों का उपयोग करने को प्रोत्साहित करने जैसी पहलें कीं। दिव्यांगों के लिए सुप्रीम कोर्ट में विशेष सुविधाएं भी शुरू कीं।

अदालत में 'मिच्छामी दुक्कड़म' का सन्देश

जैन कहावत "मिच्छामी दुक्कड़म" का जिक्र करते हुए चंद्रचूड़ ने कहा कि जो भी गलत हुआ है, वह खत्म हो जाए। यह शब्द उनके विनम्र और संवेदनशील स्वभाव को दर्शाता है।

न्यायपालिका का भविष्य सुरक्षित

अपने उत्तराधिकारी जस्टिस संजीव खन्ना के प्रति विश्वास जताते हुए कहा, "मैं निश्चिंत हूं कि न्यायपालिका सक्षम नेतृत्व के अधीन सुरक्षित है।